Saturday, December 13, 2008

जीना इसी का नाम है......







"मर के भी किसी को याद आएंगे, किसी के आंसुओं में मुस्कुराएंगे।
कहेगा फूल हर कली को बार बार
जीना इसी का नाम है......"

8 comments:

प्रवीण त्रिवेदी said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!


प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें

दिगम्बर नासवा said...

Salute to these fighters

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है

खूब लिखें,अच्छा लिखें

अगर शब्द पुष्टीकरण हटा दें तो टिप्पणी करना ज्यादा सुविधाजनक रहेगा.

Unknown said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी शुभकामनायें… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, ताकि टिप्पणी करने में कोई बाधा न हो… धन्यवाद।

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आपका हार्दिक स्वागत है। लिखते रहे। समय निकालकर मेरे ब्लोग पर आये.

प्रदीप मानोरिया said...

स्वागत है आपका ब्लॉग जगत में
मेरे ब्लॉग परभी पधारें

Anonymous said...

bahut sundar likha hai aapne,
mamrmik or hriday ko chhune wali,

aapka swaagat hai
satat likhte rahiye.

or haan shabd ke her fer ko hataiye ;-)

www.rajneeshkjha.blogspot.com